अगर मन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की शरण में लगा रहेगा तो मानव जीवन सार्थक हो जायेगा श्री महंत रघुवीर दास महाराज हरिद्वार

हरिद्वार (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद ) श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़े में अपने श्री मुख से भक्तजनों के बीच उद्गार व्यक्त करते हुए अनंत विभूषित प्रातः स्मरणीय परम विद्वान ज्ञान तथा त्याग की साक्षात मूर्ति श्री महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा हमारे प्रत्येक मठ मंदिर आश्रम में एक एक छोटे पठन-पाठन गुरुकुल की स्थापना होने से हमारा शिक्षा स्तर और अधिक प्रखर तथा मजबूत होगा हमारी धर्म संस्कृति और अधिक तेज गति से प्रवाहित होगी सनातन सत्य का वह मार्ग है जो इस मार्ग का अनुसरण करेगा उसका तन मन पावन होने के साथ-साथ यह लोक तो सुधर ही जायेगा परलोक भी सुधर जायेगा अज्ञानता के भवर में अशिक्षित लोग फस सकते हैं किंतु शिक्षित समाज एक भय तथा भ्रष्टाचार मुक्त समाज की स्थापना करता है जहां गली-गली मोहल्ले मोहल्ले जय सियाराम जय जय सिया संकट मोचन कृपा निधान के उद्घोष की गूंज सभी नकारात्मक शक्तियों को परास्त कर देती है यह है भारत का सनातन अगर आप सच्चे मन से स्नान के उपरांत प्रातः ही तीन बार जय सियाराम जय जय सियाराम संकट मोचन कृपा निधान का मन ही मन जाप कर लेते हैं तो मन को अपार शांति और सुख का अनुभव तो होता ही है साथ-साथ आपका दिन भी हरि इच्छा से सार्थक हो जाता है आपको मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है साथ साथ आपका लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं कहते हैं ना मन चंगा तो कटौती बीच गंगा अगर मन भंवर में फंसा रहेगा तो जीवन अंधकार में हो जायेगा अगर मन नारायण की शरण में लगा रहेगा तो मानव जीवन सार्थक हो जायेगा जो लोग भगवान राम की शरणागत हो जाते हैं भगवान राम उनकी नैया को स्वयंम पार लगा देते हैं