मनुष्य का मन दर्पण है और भक्ति ईश्वर प्रेम की अनुभूति है श्री श्री आनंदमयी साधना मां हरिद्वार

 हरिद्वार( वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द) कनखल दक्ष रोड स्थित माधव आश्रम श्री श्री आनंदमयी कविता मां आश्रम में भक्तजनों के बीच ज्ञान रूपी अमृत वर्षा करते हुए श्री श्री आनंदमयी साधना मां ने कहा मनुष्य का मन दर्पण है जो उसे समय-समय पर आईना भी दिखाता रहता है और भले बुरे की पहचान भी कराता रहता है भले ही मनुष्य सुने या ना सुने किंतु मन मस्तिष्क उसे बताता आवश्यक है और भक्ति ईश्वर प्रेम की अनुभूति है भगवान कभी मंदिर जाने से प्राप्त नहीं होते मंदिर तो सिर्फ एक आस्था का केंद्र है भगवान तो भक्ति में बसते हैं आपकी आस्था में बसते हैं आपकी सोच में बसे और आपके हृदय में बसते हैं

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