पुण्यतिथि के अवसर पर याद किये गये संत रघुवीर दास महाराज संत महापुरुषों ने दी श्रद्धांजलि विद्वान संत थे ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह-श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह हरिद्वार

हरिद्वार, (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द )15 सितम्बर। हरिद्वार औद्योगिक क्षेत्र स्थित रघुवीर बाग आश्रम के ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व ब्रह्मलीन श्रीमहंत गुरूबचन सिंह की पुण्य तिथी समारोह पूर्वक मनायी गयी। इस अवसर पर सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों और श्रद्धालु भक्तों ने ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हे नमन किया और उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए धर्म और मानव सेवा का संकल्प लिया। आश्रम के परमाध्यक्ष महंत प्यारा सिंह के संयोजन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के परमाध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह विद्वान संत थे। ब्रहमलीन संतों के दिखाए मार्ग पर चलते हुए देश और समाज की सेवा का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व ब्रह्मलीन श्रीमहंत गुरूबचन सिंह ने सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार और मानव कल्याण में अग्रणी भूमिका निभायी। महंत प्यारा सिंह ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति पूज्य गुरूओं के दिखाए मार्ग पर चलते हुए आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत रघुवीर सिंह व श्रीमहंत गुरूबचन सिंह का त्याग तपस्या से परिपूर्ण जीवन और उनके विचार सदैव समाज को प्रेरणा देते रहेंगे श्रीमहंत प्यारा सिंह के परम शिष्य सुरेंद्र सिंह ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत बेअंत सिंह, महंत राघवेंद्र दास, महंत सूर्यांश मुनि, महंत सूरज दास, संत बलवीर सिंह, संत हर्षवर्द्धन सिंह, बाबा हरेंद्र सिंह, महंत बिहारी शरण, महंत गुरमीत सिंह, महंत निर्भय सिंह, स्वामी दिनेश दास, स्वामी हरिहरानंद, महंत मोहन सिंह, महंत सोहन सिंह, महंत खेम सिंह, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, महंत गंगादास, महंत साधनानंद, महंत गुरजीत सिंह, सरदार रमणीक सिंह सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष और श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।