भक्ति के प्रेम रस में बहने वाले भक्तजन गुरु कृपा से भवसागर पार हो जाते हैं श्री महंत हरिदास महाराज हरिद्वार

प्रसिद्ध सतयुग कालीन गौरी शंकर नीलेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित विशाल संत समागम

भक्ति के प्रेम रस में बहने वाले भक्तजन गुरु कृपा से भवसागर पार हो जाते हैं श्री महंत हरिदास महाराज हरिद्वार (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद) प्रसिद्ध सतयुग कालीन गौरी शंकर नीलेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित विशाल संत समागम को संबोधित करते हुए श्री महंत विष्णु दास महाराज ने कहा सतगुरु देव भक्तों को धर्म कर्म के माध्यम से सत्संग के माध्यम से पूजा पाठ के माध्यम से उंगली पड़कर भवसागर पार कर देते हैं इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा गुरु कृपा भव तारिणी जो लोग गुरु के बताये मार्ग पर चलते हैं उनका सदैव ही कल्याण होता है इस अवसर पर बोलते हुए श्री गौरी शंकर महादेव मंदिर तथा नीलेश्वर महादेव मंदिर के श्री महंत हरिदास जी महाराज ने कहा भक्ति के प्रेम रस में बहने वाले भक्तजन गुरुदेव की कृपा से अपना यह लोक तो सुधर ही लेते हैं उनका परलोक भी सुधर जाता है ईश्वर की भक्ति और गुरु की कृपा सदैव कल्याणकारी होती है जिस तपोभूमि में आज आप यह संत महापुरुषों के श्री मुख से सत्संग सुन रहे हैं यह प्राचीन सतयुग कालीन श्री गौरी शंकर नीलेश्वर महादेव मंदिर है जब भोलेनाथ की बारात आई थी तो कुछ पल के लियें भोलेनाथ माता पार्वती और नंदी गणो के साथ इस पावन स्थान पर रुके थे जो सच्चे मन से सच्ची श्रद्धा और आस्था के साथ इस तपोभूमि में आता है उसका सदैव मंगल ही मंगल होता है परम पूज्य गुरुदेव 1008 महामंडलेश्वर श्री प्रेम दास जी महाराज इस पृथ्वी लोक पर भक्ति एवं प्रेम की एक अखंड मूर्ति थे उनके ज्ञान का प्रताप आज भी इस तपोभूमि में विद्यमान है हम गुरु के बताये मार्ग पर चलते हुए आने जाने वाले भक्तों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं महंत हरिदास जी महाराज ने कहा गुरु ही जीवन सफल करने की युक्ति है और गुरु ही मुक्ति का मार्ग दिखाने वाली युक्ति है गुरुदेव इस जीवन को सफल करने की युक्ति बता देते हैं और वही मनुष्य को मुक्ति का मार्ग भी दिखा देते हैं जो भक्त सच्चे भाव के साथ नीलेश्वर महादेव मंदिर तथा गौरीशंकर महादेव मंदिर में आता है वह मनोवांछित फल पाकर हंसते गाते अपने गंतव्य की ओर जाता है संत महापुरुष इस पृथ्वी लोक पर ज्ञान की गंगा के रूप में विद्यमान है जो भक्त संत महापुरुषों के श्री मुख से बहने वाली ज्ञान की गंगा में गोते लगा लेता है उसका जीवन धन्य और कृतार्थ हो जाता है इस अवसर पर महंत दुर्गादास महाराज महंत प्रहलाद दास महाराज महंत विष्णु दास महाराज महंत हरिदास महाराज महंत बिहारी शरण महाराज महंत सीताराम दास महाराज महंत कन्हैया दास महाराज महंत किशोर दास महाराज महंत प्रमोद दास महाराज महंत वीरेंद्र स्वरूप महाराज महंत देवानंद सरस्वती महाराज महंत नागा बाबा गजेंद्र गिरी महाराज महंत राघवेंद्र दास महाराज महंत गोविंद दास महाराज महंत जगजीत सिंह महाराज महंत काठिया बाबा राधा दास महाराज महंत प्रेमदास महाराज स्वामी अंकित शरण महाराज महंत रघुवीर दास महाराज महंत जयरामदास महाराज महंत मोहन सिंह महाराज कोतवाल कमल मुनि महाराज कोतवाल रामदास महाराज कोतवाल देहरादून बाबा रमेशानंद कोतवाल धर्मदास महाराज कोतवाल श्याम गिरी महाराज सहित भारी संख्या में संत महापुरुष तथा भक्तगण उपस्थित थे

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