असली और नकली की पत्रकारों में छिड़ी जंग सूचना एवं लोक संपर्क विभाग जारी करें गाइडलाइन

धार्मिक अनुष्ठान आयोजन भंडारे आदि में कई दर्जन की तादात में ऐसे लोग पहुंच जाते हैं जो खुद को पत्रकार बताते हैं पत्रकार

असली और नकली की पत्रकारों में छिड़ी जंग सूचना एवं लोक संपर्क विभाग जारी करें गाइडलाइन हरिद्वार 8 अगस्त 2025 वर्किंग जनर्लिस्ट काउंसिल आफ उत्तरी क्षेत्र रजिस्टर्ड के प्रदेश अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज मनोजानंद की अध्यक्षता में संपन्न हुई संगठन की बैठक में फर्जी पत्रकार संबंधित फेसबुक पर डाली एक पोस्ट का हवाला देते हुए पत्रकारिता जगत के पत्रकारिता के स्तर में निरंतर आ रही गिरावट पर चिंतन किया गया इस अवसर पर बोलते हुए संस्था के अध्यक्ष ठाकुर मनोज मनोजानंद ने कहा विगत कुछ वर्षों में पावन नगरी हरिद्वार में पत्रकारों की बाढ़ आ गई है इसके लिये कौन जिम्मेदार है यह कह पाना तो संभव नहीं किंतु आजकल हरिद्वार के मठ मंदिर आश्रमों में होने वाले धार्मिक अनुष्ठान आयोजन भंडारे आदि में कई दर्जन की तादात में ऐसे लोग पहुंच जाते हैं जो खुद को पत्रकार बताते हैं पत्रकार तो उसमें कुछ ही होते हैं इसकी आड़ में बहुत से खानाबदोश लोग उनके बीच में घुसकर आये दिन मौज काट रहे हैं इतना ही नहीं एक एक व्यक्ति दर्जन दर्जन भर पत्रकारों को साथ लेकर चलता है और अपना काम करने के बाद अन्य अखबारों के नाम पर मोटी-मोटी रकम आयोजन करता से वसूलकर खा पीकर चंपत हो जाते हैं और अगले दिन समाचार के नाम पर मिलता है ठेंगा इतना ही नहीं अगर समाचार लगा भी तो किसी छोटे-मोटे पोर्टल पर ऐसे लोग वास्तविक पत्रकारों के अधिकारों का तो हनन करते ही हैं साथ ही संपूर्ण पत्रकारिता जगत को कलंकित करते हैं आश्रम मठ मंदिर अखाड़ों को चाहिये कि वह अपने कार्यक्रम में पत्रकारों को आमंत्रित करने हेतु जिला सूचना कार्यालय हरिद्वार से मान्यता प्राप्त पत्रकारों तथा संक्रिय पत्रकारों की सूची ले ऐसा करने से समाचारों में होने वाली ठेकेदारी प्रथा पर अंकुश लगेगा साथ ही आयोजन करता छले जाने से बचेंगे एक पत्रकार दूसरे पत्रकार को गलत बताकर खुद सही सिद्ध करता है जबकि उसे ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं यह कार्य जिला सूचना कार्यालय हरिद्वार सूचना महानिदेशालय देहरादून को करना चाहिए कि वह निरंतर समाचार पत्रों में लगने वाले समाचारों की निरीक्षा करें की समाचार कौन लिख रहा है किसके नाम से लग रहे हैं और प्रोग्रामो में कौन जा रहा है साथ ही ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाये जो पोर्टल के प्रतिनिधि या पदाधिकारी है और आईडी चैनल की तरह लेकर घूम रहे हैं और खुद को चैनलो का प्रतिनिधि बताते हैं और कार्यकर्मों में अपने आप को चैनलो का प्रतिनिधि बता कर अपना परिचय देते हैं कुछ लोग अपने साथ आये दिन नये लोगों को लेकर चलते हैं और कुछ दिन में उन्हें बदल देते हैं उन्हें पत्रकारिता का चस्का लगाकर दूसरे व्यक्ति को फिर पकड़ लेते हैं कुछ लोग भाई भतीजा वाद तथा परिजनों वाले भी हैं जो परिजनों को साथ लेकर चलते हैं और कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका दूर-दूर तक पत्रकारिता से संबंध नहीं उन्हें साथ लेकर चलते सबसे बड़ा भीड़ बढ़ने का कारण यही है कई बार तो बढी भीड़ देखकर आयोजन करता झला जाते हैं साथ ही ऐसे मीडिया कर्मी तथा चैनल कर्मियों को भी चिन्हित किया जाये जो कार्यकर्मों में तो सभी में होते हैं किंतु समाचार उनका कई कई महीने में एक आद लगता है हर कोई छोटे समाचार पत्रों की तरफ उंगली उठा देता है उन्हें मालूम होना चाहिये की एक छोटे से छोटे साप्ताहिक पाक्षिक मासिक समाचार पत्र का शीर्षक समाचार पत्र के कार्यालय सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से पंजीयनआरएन आई से स्वीकृत होता है और वहीं से उसे आर एनआई नंबर प्राप्त होता है जिस प्रकार कई लाख कॉपियां छापने वाला समाचार पत्र डीएवीपी की विज्ञापन मान्यता करता है उन्ही मानकों को पूर्ण कर एक छोटा समाचार पत्र अपनी विज्ञापन मान्यता करता है उसी के आधार पर राज्यों में भी विज्ञापनों हेतु सूचीबद्ध किया जाता है इतना ही नहीं उसके संपादकों प्रतिनिधियों को सरकार के सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है तथा कार्ड जारी किया जाता है किसी वास्तविक पत्रकार के ऊपर उंगली उठाने वालों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा रहा सवाल पत्रकारिता के बीच में खानाबदोश लोगों के घुसने का उसके लिये अगर आयोजन करता चाहे तो समाचार न छापने वाले के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्यवाई करा सकते हैं इसके प्रति जिला सूचना कार्यालय को तथा प्रदेश के सूचना एवं लोक संपर्क विभाग को जागरूक होना चाहिये मान्यता प्राप्त पत्रकारों तथा वास्तविक पत्रकारों की एक सूची जारी कर सभी धर्मस्थलों विभागों प्रतिष्ठानों तथा आम जनमानस के बीच प्रचारित करें ताकि किसी भी प्रकार का असंतोष या फर्जी वाडा पत्रकारों के बीच घुसकर कोई ना कर सके अगर कोई छोटे से छोटे अखबार का प्रतिनिधि भी है तो वह पत्रकार है अगर वह समाचार लिख रहा है तो उसे कोई चुनौती नहीं दे सकता कार्यक्रमों में आमंत्रित तो वर्ष भर में मुश्किल से दर्जन भर बार किया जाता है किंतु पत्रकारों को समाचार एकत्रित करने हेतु अपनी सक्रियता सिद्ध करने हेतु अपनी उपस्थिति बनाये रखनी पड़ती है और यह किसी एक पत्रकार के लिए नहीं सभी पत्रकार जो कार्यक्रमों में जाते हैं उनमें से अधिकतर ऐसे ही होते हैंठाकुर मनोज कुमार मनोजानंन्द

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