जो प्रेम गली कभी आये नहीं वह प्रीतम का ठिकाना क्या जाने श्री श्री आनंदमयी साधना मां हरिद्वार

जो प्रेम गली कभी आये नहीं वह प्रीतम का ठिकाना क्या जाने श्री श्री आनंदमयी साधना मां हरिद्वार 14 अगस्त 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज मनोजानंद ) दक्ष रोड कनखल स्थित श्री माधव आश्रम श्री श्री आनंदमयी कविता मां आश्रम के प्रांगण में भक्तजनों के बीच ज्ञान की अमृत वर्षा करते हुए परम तपस्विनी परम वंदनीय श्री श्री आनंदमयी साधना मां ने कहा जिसने कभी जीवन में भक्ति के प्रेम का रस पिया ही नहीं वह ईश्वर रूपी प्रेमी का ठिकाना क्या जाने जिस दिल में तेरी भक्ति का दर्द उठा ही नहीं वह पीर पराई क्या जाने मेरा है दीवाना मोहन संसार दीवाना क्या जाने जो प्रेम गली कभी गये नहीं वह प्रेम निभाना क्या जाने जिसने कभी कान्हा को याद किया ही नहीं वह बंसी की धुन क्या जाने परम तपस्विनी परम विभूषित ज्ञान मूर्ति गोलोक वासी श्री श्री आनंदमयी कविता मां काज्ञान अनंत है उनके भक्तों के प्रति और भक्ति के प्रति भक्ति प्रेम अनंत था उनके ज्ञान प्रेम की वर्षा आज भी उनकी तपोभूमि श्री श्री माधव आश्रम श्री श्री आनंदमयी कविता मां आश्रम तथा अन्य आश्रमों में निरंतर सरिता के रूप में प्रवाहित हो रही है अगर इस जीवन को सफल करना है तो गुरुजनों के बताये मार्ग पर चलो और भगवान हरि के अनंत प्रेम की सरिता में ऐसे डूब जाओ कि तुम्हें उस सरिता से बाहर निकालने के लियें भगवान श्री हरि को माता लक्ष्मी जी को खुद तुम्हें अपनी उंगली पकड़ानी पड़े इस कलयुग में कठोर तपस्या की आवश्यकता नहीं संत महापुरुषों के सानिध्य में कुछ पल का सत्संग ही इस जीवन को सार्थक करने का परम कल्याणकारी माध्यम है बोलो श्री राधे राधे

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