ईश्वर की भक्ति का प्रेम रस जिसने चखा ही नहीं वह इस बारे में क्या जाने महामंडलेश्वर संजय गिरी महाराज
सतगुरु ही मेरे राम सतगुरु मेरे घनश्याम है सतगुरु ही मेरे राम

ईश्वर की भक्ति का प्रेम रस जिसने चखा ही नहीं वह इस बारे में क्या जाने महामंडलेश्वर संजय गिरी महाराज (हरिद्वार वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद ) कांगड़ी स्थित श्री सदगुरु आश्रम के पीठाधीश्वर जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज ने कहा भगवान हरि की भक्ति का रस जिसने जीवन में चखा ही नहीं वह उसके बारे में क्या जाने भगवान की भक्ति मन के सभी विकारों को दूर कर देती है उसमें ज्ञान का उदय कर देती है और ईश्वर की अनुभूति होते ही मनुष्य की जीवन की सभी अभिलाषाये स्वतःही समाप्त हो जाती हैं इच्छा जिज्ञासा और लालसा कभी तक है जब तक आपको ईश्वर भक्ति और सत्य का बोध नहीं होता ईश्वर की अनुभूति होते ही मन पूरी तरह स्वयं ही परिपूर्ण हो जाता है इस सब में हमारे सतगुरु देव ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में हमारे मार्गदर्शन हेतु हमारे बीच उपस्थित होते हैं उन्ही की कृपा से हम ईश्वर तक पहुंच पाते हैं सतगुरु तारण हार है सतगुरु ही मेरे राम सतगुरु मेरे घनश्याम है सतगुरु ही मेरे राम